एब्स वर्कआउट क्या होता है ? | Abs Workout Meaning in Hindi

क्या आप भी एब्स वर्कआउट क्या है, जानना चाहते हैं ? यदि हां, तो आप इस आर्टिकल के माध्यम से आसानी से जान सकते हैं। आप लोगों में से बहुत सारे लोग केवल अपर बॉडी और लोअर बॉडी का वर्कआउट करना पसन्द करते हैं। अक्सर जिम में भी देखा जाता है लोग केवल बाइसेप्स, ट्राइसेप्स, चेस्ट, बैक, शोल्डर और लेग्स का वर्कआउट करना ज्यादा पसन्द करते हैं।

Abs workout in Hindi

जब भी बॉडी के कोर सेक्शन की बात आती है, तो उन्हें पता ही नहीं होता है कि पेट या बेली वाले हिस्से का वर्कआउट क्या होता है और कैसे किया जाता हैं।

पेट और कमर का हिस्सा हमारें बॉडी का कोर सेक्शन कहलाता है और इसके लिए भी वर्कआउट या एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी होता हैं। हालांकि बॉडी के हर हिस्से को ट्रेन करना बेहद जरुरी होता हैं, तभी आप एक अच्छी बॉडी या फिटनेस बना सकते हैं।

जिसप्रकार आप चेस्ट या बैक वर्कआउट करते है, ठीक उसी प्रकार एब्स वर्कआउट भी होता हैं, जिसे करना बहुत ही उपयोगी और फायदेमंद होता हैं।

तो चलिए जानते है, एब्स वर्कआउट क्या होता है और इसे करने के फायदे क्या हैं।

एब्स वर्कआउट क्या होता है ? | Abs Workout Meaning in Hindi

सबसे पहले जानते है कि, एब्स क्या होता हैं। एब्स यह ‘एब्डॉमेन’ का शार्ट फॉर्म होता है, जिसका मतलब पेट या बेली वाला हिस्सा होता हैं। इसीप्रकार पेट वाले हिस्सों के लिए किया जाने वाला वर्कआउट ही एब्स वर्कआउट कहलाता हैं।

यह वर्कआउट बॉडी के मध्य भाग (Core) को मजबूत बनाने और बॉडी शेप को बेहतर बनाने में मदद करता हैं। इस वर्कआउट की मदद से आप सिक्स पैक एब्स बना सकते है और अपने पेट की चर्बी को भी कम कर सकते हैं।

एब्स व्यायाम एक प्रकार का स्ट्रेंथ वर्कआउट है जो पेट की मांसपेशियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता हैं। हमारें पेट में चार मसल्स होती है जैसे – रेक्टस एब्डोमेन, इंटर्नल ऑब्लिक, एक्सटर्नल ऑब्लिक और ट्रांसवर्स एब्डोमिनिस होती हैं।

एब्स वर्कआउट क्यों करते है ? | Why Should Do Abs Workout in Hindi

पेट या उदर की सभी मांसपेशियों को अच्छी तरह ट्रेन करने के लिए और कोर की मजबूती के लिए एब्स वर्कआउट किया जाता हैं।

यदि आप सिक्स पैक एब्स बनाना चाहते है या पेट की चर्बी कम करना चाहते है और बेली को भी फ्लैट करना चाहते है, तो आपको यह वर्कआउट जरूर करना चाहिए।

एब्स वर्कआउट करने से कोर के साथ-साथ आपकी पूरी बॉडी की स्ट्रेंथ बढ़ती हैं और आपका फिटनेस लेवल बेहतर होता हैं।

एब्स वर्कआउट करने के फायदे | Abs Workout Benefits in Hindi

वैसे तो एक्सरसाइज या वर्कआउट करना एक अच्छी लाइफस्टाइल के लिए बहुत ही जरूरी होता है, चाहें वह किसी भी प्रकार की फिजिकल एक्टिविटी क्यो न हों।

जिस प्रकार बॉडी के हर हिस्सों का वर्कआउट करना फायदेमंद होता है, ठीक उसीप्रकार एब्स वर्कआउट करने से भी बहुत से फायदे मिलते हैं। जैसे –

(1) यह वर्कआउट आपके शारीरिक और मानसिक प्रदर्शन में वृद्धि करता हैं।

(2) आपके बॉडी पोस्चर और स्टेबिलिटी को बेहतर बनाने में एब्स वर्कआउट बहुत ही मदद करता हैं।

(3) आपकी स्ट्रेंथ और शक्ति बढ़ाने में हेल्प करता है, जिसकारण आपकी मसल्स ग्रोथ को बढ़ावा मिलता हैं।

(4) एब्स के लिए वर्कआउट करने से कोर मसल्स मजबूत बनते है, जिससे आपको स्क्वाट्स, डेडलिफ्ट्स, बेंच प्रेस और पुश एक्सरसाइज करने में कोर मसल्स का बहुत अच्छा सहयोग मिलता हैं।

(5) इस वर्कआउट से आपकी वजन उठाने की क्षमता भी बढ़ती हैं।

(6) सिक्स पैक एब्स बनाना आसान हो जाता हैं।

(7) पेट की चर्बी को कम करने के लिए यह वर्कआउट आपकी मदद करता हैं।

(8) लोअर बैक के दर्द को कम करने के लिए एब्स वर्कआउट करना अच्छा माना जाता हैं।

(9) श्वसन क्रिया को बेहतर बनाने में एब्स वर्कआउट की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं।

इसप्रकार एब्स वर्कआउट करने से बहुत से फायदे मिलते हैं। यदि आप एक शेड्यूल बनाकर इस वर्कआउट को करते है, तो बेशक आप सिक्स पैक एब्स बना सकते है और साथ ही साथ अपनी फिटनेस को बेहतरीन बना सकते हैं।

एब्स वर्कआउट करने से पहले क्या खाना/लेना चाहिए ?

हालांकि, एब्स के लिए एक्सरसाइज करते समय पेट पूरी तरह खाली होना चाहिए। यदि आपका पेट खाली रहता है, तो एक्सरसाइज के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना आपको बिल्कुल भी नहीं करना पड़ता हैं।

पेट भरा हुआ अथवा पेट में भोजन या पानी की मात्रा होने पर एब्स एक्सरसाइज परफॉर्म करते हुए पेट पर दबाव पड़ने से पेट-दर्द या उल्टियां होने की सम्भावना बढ़ जाती हैं। इसके साथ ही पेट खाली न होने से आपका एब्स वर्कआउट भी इफेक्टिव नही हो पाता हैं।

इसलिए एब्स एक्सरसाइज शुरू करने से पहले आपको कुछ भी नहीं खाना चाहिए। यदि आप खाना चाहते है तो एक्सरसाइज से लगभग 2 घंटे पहले ही प्री-वर्कआउट मील ले सकते हैं।

एक्सरसाइज शुरू करने से तुरन्त पहले केवल प्री वर्कआउट सप्लीमेंट या ब्लैक कॉफी का सेवन कर सकते हैं। एब्स वर्कआउट शुरू करने से पहले भोजन करना या ब्रेकफास्ट करना बिल्कुल अनुचित माना जाता हैं। ऐसा करना आपके वर्कआउट और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता हैं।

एब्स वर्कआउट करने के बाद क्या खाना/लेना चाहिए ?

जैसे कि हर एक वर्कआउट सेशन के बाद पोस्ट वर्कआउट मील या सप्लीमेंट लेने की जरूरत पड़ती है, ठीक उसीप्रकार एब्स वर्कआउट के बाद भी सप्लीमेंट या फूड लेना जरूरी होता हैं।

एब्स एक्सरसाइज खतम करने के 15 से 20 मिनट बाद आप मिल्क शेक / प्रोटीन शेक / पनीर / उबले अंडे / चिकन मील को आसानी से ले सकते हैं।

किसी भी प्रकार के वर्कआउट के बाद प्रोटीन से भरपूर फूड्स को लेना सबसे अच्छा माना जाता हैं। यह फूड्स आपकी मसल ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं।

एब्स वर्कआउट के बाद फैट से युक्त फूड्स और अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। इसके अलावा अधिक से अधिक प्रोटीन वाले फूड्स को डाइट में शामिल करना चाहिए।

एब्स बनाने के लिए बेस्ट एक्सरसाइज कौन सी हैं ? | Best Abs Exercises in Hindi

एब्स बनाने के लिए सबसे पहली शर्त यह होती है कि, आपका बॉडी फैट 15 प्रतिशत से कम होना चाहिए। तभी आपके एब्स की विजिबिलिटी दिखने लगती हैं और एब्स वर्कआउट करने के बेहतर परिणाम दिखने लगते हैं।

यदि आप एब्स बनाना चाहते है, तो आपको कठिन एक्सरसाइज करने की बिल्कुल भी जरुरत नहीं हैं। कुछ बेसिक और एडवांस एक्सरसाइज की मदद से आप आसानी से एब्स बना सकते हैं। यहां पर आपको कुछ बेहतरीन एब्स एक्सरसाइज बतायी गयी है, जिन्हें आप जिम के अलावा घर पर भी आसानी से कर सकते हैं।

(1) सीट-अप्स (Sit-Ups)

एब्स बनाने के लिए यह बहुत ही अच्छी एक्सरसाइज है, इसे  जिम और घर पर आसानी से किया जा सकता हैं। सीट-अप्स एक्सरसाइज अपर एब्स, मतलब पेट के ऊपरी हिस्से को टारगेट करती है और अपर एब्स बिल्ड करने में मदद करती हैं। यदि आप इसे अपने एब्स वर्कआउट रूटीन में शामिल करते है तो यह आपके लिए बहुत ही फायदेमंद एक्सरसाइज हैं।

(2) लेग रेज (Leg Raises)

लेग रेज एक ऐसी एक्सरसाइज है जो बहुत ही इफेक्टिव है और पेट कम करने या एब्स बनाने के लिए बहुत ही कारगर एक्सरसाइज हैं। इसे आसानी से किसी भी स्थान पर लेटकर किया जा सकता हैं। लेग रेज एक्सरसाइज लोअर एब्स, मतलब पेट के निचले हिस्से को टारगेट करती है और लोअर एब्स बनाने में मदद करती हैं। यदि आप इस एक्सरसाइज को अपने एब्स वर्कआउट रूटीन में जोड़ते है, तो आसानी से आप पेट की चर्बी को दूर कर सकते है और एब्स बना सकते हैं। 

(3) रिवर्स क्रंचेस (Reverse Crunches)

यह भी एक बहुत ही बढ़िया और आसानी से की जाने वाली एब्स एक्सरसाइज हैं। इसे जमीन या निचे किसी भी स्थान पर लेटकर किया जा सकता हैं। रिवर्स क्रंचेस एक्सरसाइज रेक्टस एब्डोमिनिस, मतलब पूरे एब्स मसल को टारगेट करती हैं। यह कोर सेक्शन के फैट को कम करने और ओवरआल एब्स मसल बिल्ड करने में बहुत ज्यादा मदद करती हैं। यह भी एक बेसिक एब्स एक्सरसाइज है, जो एब्स बनाने और कोर को मजबूत बनाने के लिए बहुत ही कारगर एक्सरसाइज हैं। बेहतर परिणाम के लिए रिवर्स क्रंचेस एक्सरसाइज को आप अपने एब्स वर्कआउट में जरूर शामिल करें।

(4) फ्लटर किक्स (Flutter Kicks)

यह एक एडवांस एक्सरसाइज है, लेकिन इसे आसानी से घर या जिम में किया जा सकता हैं। यह लोअर एब्डॉमिनिस, मतलब पेट के निचले हिस्से को टारगेट करती है और एब्स मसल को बिल्ड करने और मजबूत करने का काम करती हैं। इसे भी फ्लोर पर लेटकर आसानी से किया जा सकता हैं। फ्लटर किक्स कोर की स्ट्रेंथ और एंड्यूरेंस को बढ़ाने में सबसे ज्यादा हेल्प करती हैं। यदि आप बेसिक एक्सरसाइज के साथ इसे भी अपने एब्स वर्कआउट के साथ जोड़ते है तो आप बेहतर परिणाम प्राप्त क्र सकते हैं।

(5) बाइसिकल क्रंचेस (Bicycle Crunches)

बाइसिकल क्रंचेस थोड़ी कठिन और एडवांस एक्सरसाइज है, लेकिन कुछ दिनों के नियमित अभ्यास के बाद इसे करना आसान हो जाता हैं। यह आपके एक्सटर्नल और इंटर्नल ऑब्लिक को टारगेट करती हैं। साथ ही साथ इस एक्सरसाइज की मदद से रेक्टस एब्डॉमिनिस को भी टारगेट किया जा सकता हैं। बाइसिकल क्रंचेस एक्सरसाइज आपके साइड फैट को कम करके आपके एब्स की विजिबिलिटी को बढ़ाने में हेल्प करती हैं। एब्स बनाने के लिए यह भी एक बहुत ही बढ़िया एक्सरसाइज हैं।

(6) माउंटेन क्लैम्बर (Mountain Climbers)

यह एब्स बनाने के लिए सबसे बेस्ट एक्सरसाइज मानी जाती हैं। माउंटेन क्लैम्बर एक्सरसाइज करने के दौरान कैलोरी भी बहुत ज्यादा बर्न होती है, जो फैट कम करने में हेल्पफुल होता हैं। यह एक्सरसाइज करना बहुत आसान है और इसे किसी भी स्थान पर किया जा सकता हैं। यह आपके पुरे एब्स मसल को टारगेट करती हैं। इसके साथ ही यह एक्सरसाइज आपकी सहनशीलता और स्ट्रेंथ बढ़ाने में मदद करती हैं। यदि आप इस एक्सरसाइज को अपने वर्कआउट रूटीन में शामिल करते है, तो बेशक आप एब्स बना सकते हैं। 

(7) प्लैंक (Planks)

यह एक ऐसी एक्सरसाइज है, जिसे करने से कोर की स्ट्रेंथ बहुत ज्यादा बढ़ती हैं। यह आपके एब्स मसल को मजबूत बनाती है और एब्स की विजिबिलिटी को भी बढ़ाती हैं। इस एक्सरसाइज को एब्स वर्कआउट के अंत में किया जाता है, जिस कारण यह बहुत ही इफेक्टिव एक्सरसाइज मानी जाती हैं। यदि आप प्लैंक्स एक्सरसाइज को अपने एब्स वर्कआउट में शामिल करते है, तो यह आपके लिए बहुत ही फायदेमंद एक्सरसाइज हैं।

इसप्रकार यदि आप इन सभी एक्सरसाइज हो सप्ताह 2 से 3 बार करते है, तो बेशक ही आप फैट भी कम कर सकते है और बढ़िया एब्स भी बना सकते हैं।

उम्मीद है, एब्स वर्कआउट क्या होता है, इसके फायदे और बेस्ट एब्स एक्सरसाइज के बारें में पूरी जानकारी आपको स्पष्टतः मिल गयी होगी। आप इस जानकारी को Share भी कर सकते हैं।

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